Sunday, March 15, 2015

"बच्चे मन के सच्चे




                                             बाल मजदूरी 


   "बाल मजदूरी "    ये एक ऐसा अभिशाप है जो हमारे समाज को गन्दा कर रहा है  ,हमारे समाज में दो तरह के लोग होते है एक तो वे जिनके बच्चे बड़ी बड़ी गाडियो में घूमते है ,बड़े बड़े स्कूलों  में पढ़ते है ,अच्छे अच्छे कपडे पहनते है ......और दूसरी तरफ वे बच्चे जिन्हें एक समय का भोजन बी मुश्किलों से मिलता है उन्हें गाडियो का तो दूर बल्कि सोने के लिए फुठपाथ  ही नसीब होता है,वे कपडे भी दुसरो के उतरन पहेंते है....     
और शिक्षा......?????        उसका क्या?

उनकी शिक्षा  की जिम्मेदारी लेने वाला कोई नहीं...  ,उनका भविष्य बनाने वाला कोई नहीं

अगर हम सब मिलकर कोशिश करे और बच्चो के भविष्य के साथ होने वाले खिलवाड़ को रोकने में मदद करे तो  शायद हमारी ही वहज से किसी एक बच्चे का भविष्य सुधर जाये और इसी तरह एक से दो ......

हम कोशिश कर सकते है........

भारतीय संविधान  

जिसमे बाल मजदूरी के लिए विशेष कानून बना है जिसकी जानकारी हमे आप सबको होनी चाहिए जिससे हम अपने आस पास बाल मजुदुरी रोक सके !

अनुछेद -24 -  कारखानों, खानों और अन्य खतरनाक नौकरियों में 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के रोजगार पर प्रतिबंध लगाता है। संसद ने बाल श्रम (निषेध और विनियमन) अधिनियम, 1986 अधिनियमित किया है, जिसमें उन्मूलन के लिए नियम प्रदान करने और बाल श्रमिक को रोजगार देने पर दंड के तथा पूर्व बाल श्रमिकों के पुनर्वास के लिए भी प्रावधान दिए गए हैं।

हमारा प्रयास ये है की हम आप सबको अपने विचारो में इस कानूनी व्यवस्था का ज्ञान कराये जिससे आप सब खुद में जागरूक रहे और अपने आस पास इस अभिशाप से हमारे समाज को सुधरने में अपनी कोशिश करे और हर बच्चो को शिक्षा ,रहन सहन ,और उन्हें बाल मजदूरी के अभिशाप से बचाए   ..

ताकि हर एक बच्चा अपना बचपन जी सके और शिक्षा जो हर बच्चो के लिए उनका मौलिक अधिकार है वो मिल सके ! बाल मजदूरी को जड़ से उखाड़ फेके .

 "क्योंकि  जब छोटे कंधो पे होगा इतना भार तो....कैसे होगा समाज में सुधार"

1 comment:

  1. Hmm nice effort. Can u please put some real life examples of interest

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