भारतीय संविधान के पर्यांवरण संरक्षण से सम्बंधित प्रावधान
प्रत्येक व्यक्ति को स्वस्थ पर्यावरण के उपयोग का पूरा अधिकार होता है !और ये मुमकिन है अपने आस-पास स्वछता रखेंगे ,और दुसरो की भी इसके लिए जागरूक रखेंगे। …… और ऐसा न करने वालो को दंड दिया जायेगा जिससे पर्यावरण स्वस्थ रहे क्युकी हमारा पर्यावरण ही हमारे जीवन को प्रभावित करता है
भारत , जो विश्व का एक ऐसा पहला संविधान है जिसमे पर्यावरण संरक्षण के लिए विशेष उपबंध किये गए है
क्योँकि पर्यावरण का संरक्षण करना राज्य का ही नहीं बल्कि नागरिको का भी दायित्व है ! आईये जाने क्या क्या। ……
भारतीय संविधान के अंतर्गत इसके सम्बन्ध में। ……
1. नीति निदेशक तत्त्व के रूप में -
संविधान के भाग 4 में राज्य के नीति निर्देशक तत्वों में इसका उल्लेख किआ गया है' ,
अनुछेद 48 -A - जो की इस बारे में है की राज्य देश के पर्यावरण की सुरक्षा और उसमे सुधार करने का और वन तथा वन्य जीवो की रक्षा का प्रयास करेगा
2. मूल कर्तव्य के रूप में
अनुछेद -51 (A )- भारत के प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है की वन ,झील नदी ,और वन्य जीव की हमेशा रक्षा करे ! और उनके प्रति हमेशा दया भाव रखे !
3. मूल अधिकार के रूप में
अन्छेद -21 - के अंतर्गत प्राण एवं दैहिक स्वतंत्रता के अधिकार में स्वस्थ पर्यावरण का भी अधिकार शामिल
"एक स्वच्छ वातावरण में ही स्वस्थ समाज निवास कर सकता है "जो प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य और दायित्व भी हैं
प्रत्येक व्यक्ति को स्वस्थ पर्यावरण के उपयोग का पूरा अधिकार होता है !और ये मुमकिन है अपने आस-पास स्वछता रखेंगे ,और दुसरो की भी इसके लिए जागरूक रखेंगे। …… और ऐसा न करने वालो को दंड दिया जायेगा जिससे पर्यावरण स्वस्थ रहे क्युकी हमारा पर्यावरण ही हमारे जीवन को प्रभावित करता है
भारत , जो विश्व का एक ऐसा पहला संविधान है जिसमे पर्यावरण संरक्षण के लिए विशेष उपबंध किये गए है
क्योँकि पर्यावरण का संरक्षण करना राज्य का ही नहीं बल्कि नागरिको का भी दायित्व है ! आईये जाने क्या क्या। ……
भारतीय संविधान के अंतर्गत इसके सम्बन्ध में। ……
1. नीति निदेशक तत्त्व के रूप में -
संविधान के भाग 4 में राज्य के नीति निर्देशक तत्वों में इसका उल्लेख किआ गया है' ,
अनुछेद 48 -A - जो की इस बारे में है की राज्य देश के पर्यावरण की सुरक्षा और उसमे सुधार करने का और वन तथा वन्य जीवो की रक्षा का प्रयास करेगा
2. मूल कर्तव्य के रूप में
अनुछेद -51 (A )- भारत के प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य है की वन ,झील नदी ,और वन्य जीव की हमेशा रक्षा करे ! और उनके प्रति हमेशा दया भाव रखे !
3. मूल अधिकार के रूप में
अन्छेद -21 - के अंतर्गत प्राण एवं दैहिक स्वतंत्रता के अधिकार में स्वस्थ पर्यावरण का भी अधिकार शामिल
"एक स्वच्छ वातावरण में ही स्वस्थ समाज निवास कर सकता है "जो प्रत्येक नागरिक का कर्तव्य और दायित्व भी हैं
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